दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में 'हल्का' सुधार, SC ने लिया संज्ञान

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दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में 'हल्का' सुधार, SC ने लिया संज्ञान

Anjali Yadav 10-12-2021 16:41:01

अंजलि यादव,

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,

 

नई दिल्ली: पिछले कुछ महीनों से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर स्तर पर बना हुआ था. दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर ही हवा में जहर घुलने लगा था. दिल्ली में प्रदूषण के लिए आसपास के राज्यों में पराली जलाया जाना, पटाखों का धुंआ और निर्माण कार्य से उठने वाली धूल को जिम्मेदार माना जाता है. यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी. अब जब यहां की वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार आया है तो स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने ही इस पर भी संज्ञान लिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में हुए ‘हल्के’ सुधार का शुक्रवार को संज्ञान लिया और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को अनुमति दी कि वह निर्माण गतिविधियों सहित अन्य पाबंदियों में छूट देने के संबंध में मिली अर्जियों पर एक सप्ताह के भीतर फैसला ले सकता है. 

प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण, न्यायमूर्ति डी.वाई. चन्द्रचूड और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की विशेष पीठ ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान को
अपने पुराने आदेश का पालन करने का निर्देश दिया. इस आदेश में जिसमें न्यायालय ने एनसीआरक्षेत्र में आने वाले राज्यों से कहा था कि वे रियल एस्टेट फर्मों से वसूले जाने वाले सेस से निर्माण क्षेत्र के मजदूरों को न्यूनतम दिहाड़ी देते रहें, क्योंकि पाबंदियों के कारण उनकी जीविका प्रभावित हुई है.

पीठ ने कहा कि राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों को निर्माण क्षेत्र के मजदूरों को दिहाड़ी भुगतान के संबंध में अनुपालन हलफनामा दायर करना होगा. पीठ ने कहा, ‘हम आयोग (एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) को निर्देश देते हैं कि वह विभिन्न उद्योगों और संगठनों की ओर से हमारे आदेशों या अन्य सर्कुलर के कारण लागू पाबंदियों में छूट के लिए मिली अर्जियों पर फैसला लें. हम आशा करते हैं कि आयोग इस संबंध में एक सप्ताह में फैसला लेगा.’

पीठ ने इस संबंध में विभिन्न बिल्डरों, गन्ना, चावल और कागज मिलों तथा अन्य की ओर से पाबंदियों से छूट देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं का निपटारा कर दिया.

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